Aug 19, 2025

उम्र बढ़ता गया


बाल से किशोर तक,

किशोर से युवा तक,

सफर जीवन का बढ़ता गया।

दिन बीतता रहा, मंजिलें जीतता रहा,

परन्तु मुस्कुराहट सिमटता गया।

भावनायें मिटती रहीं,

संवदेनायें घटती रहीं।

सुकून जीवन से दूर होती गयी।

नयी बातें, नये रास्ते उन्हीं में खोता गया

युवा से वृद्ध की ओर

सफर जीवन का बढ़ता गया

दूरियां सपनों से, स्नेह भरे रिश्तों से

सम्पर्क छूटता गया, उम्र बढ़ता गया।।

अपनों से अकेलेपन तक अद्वितीय,

सफर जीवन का बढ़ता गया।।

Aug 18, 2025

कोशिश कामयाबी लायेगा


बड़ी ठोकरे खायी,

हौसला लगभग टूट गया।

पर एक बात सदा रही,

कोशिश करना न छूट सका।।

जहां जहां उम्मीद थी,

हर जगह ना-उम्मीद हुई। 

हर आशा, निराशा में बदली,

पर कोशिश कभी कम न हुई।।

अपनी राह पे चलता रहा,

निरन्तर प्रयास होता रहा।

मस्तिष्क रुपी धरती पर अद्वितीय, 

निष्ठा पूर्वक परिश्रम करता रहा।।

बोई फसल उग आई,

सफलता के फूल चहूं ओर छाई।

धैर्य, परिश्रम और निरन्तर प्रयास,

आखिर कामयाबी ले ही आई।। 

Aug 7, 2025

कोशिश कामयाबी लायेगा

 बड़ी ठोकरे खायी मैंने,

हौसला लगभग टूट गया था।

पर एक बात सदा रही

कोशिश करना न छूट सका था।।

जहां जहां उम्मीद थी,

हर जगह ना-उम्मीद हुई। 

हर आशा, निराशा में बदली,

पर कोशिश कभी कम न हुई।।

मैं अपनी राह पे चलता रहा,

मंजिल कभी पास न आई।

दूर दूर तक अंधेरा था,

पर रफ्रतार कम न हुई।।

कई दशक बीत गये,

पर हार कभी न मानी।

लोग खिल्लियां उड़ाते रहे,

पर मंजिल पाने को ठानी।।

एक दिन ऐसा आयेगा,

कोशिश कामयाबी लायेगा।

वह दिन अब दूर नहीं अद्वितीय,

सफलता की बुलंदी छायेगा।।

Aug 5, 2025

आत्मविश्वास के रंग

 आज मैंने खोल दी है,  

मन की बंद खिड़कियां। 

देखो देखो मन के आंगन में, 

इन्द्रधनुष निकल आया है।।

सात रंग की सबसे अनूठी,

बेहद प्यारी सबसे निराली।

रंग बिरंगी उम्मीदों से भारी,

हर रंग की बात निराली।।

आशाओं से भरी भरी, 

संकल्पों से अटी पड़ी।

आत्मविश्वास के रंग ने,

जोड़ दी जो थी टूटी पड़ी।।

फिर से उम्मीद बना दी है,

बुलंदी छूने की आस जगा दी है

आज मैंने खोल दी अद्वितीय। 

मन की बंद खिड़कियां।।