May 20, 2025

प्यार तुमसे

 प्यार तुमसे


मैं प्यार तुमसे करता हूं,

केवल तुमसे करता हूं,

सारी दुनिया से छिप कर,

हर दिन तुमसे मिलता हूं।

मैं प्यार तुमसे करता हूं।।

क्या सदा साथ निभाओगी---

या मेरे प्यार को ठुकराओगी,

मैं बस इतना ही कहता हूं,

तुम्हारे बगैर जी नहीं सकता हूं। 

मैं प्यार तुमसे करता हूं।।

दुनिया वाले जिस दिन जानेंगे,

काले बादल बन कर छायेंगे,

चाहे अद्वितीय जो हो अंजाम,

केवल इतना ही कहता हूं। 

मैं प्यार तुम से करता हूं।।

May 19, 2025

संग तुम हो

संग तुम हो


बंद नयन पर देखूं तुझे

हृदय में जो, बसे तुम हो।

आ जाओ सजन अब लगे ऐसे

नयनों के आगे, जैसे तुम हो।।

मन के तार छेड़ गये तुम तो,

बेचैन मन, लगे पास तुम हो।

हाल दिल का यह है सनम, 

जगूं या सोऊं, लगे संग तुम हो।।

सातो जनम साथ निभाऊं, 

सजन संग संग तुम हो।

नयनों में मिलन की आतुरता,

अंग अंग पुकारे कहां तुम हो।।

राह निहारूं करूं प्रार्थना,

अद्वितीय प्रेम हमारा तुम हो।

अंसुअन की धारा फूट पड़े न,

आ जाओ सजन जहां तुम हो।। 

May 17, 2025

एक कहानी

 एक कहानी


लिखा जीवन की कहानी।

जब कर्मों की गति जानी।।

प्रेम प्यार को सर्वस्य माना,

रिश्ते नातों को अपनाना,

मर्यादाओं में जीना मरना,

अपने कर्म को करते जाना,

बस यहीं भटक गया ज्ञानी,

समय की चाल नहीं पहचानी।

लिखा जीवन की कहानी।।

धन अवरोधों को सदा पाया,

विपदा में मन को समझाया,

पर चुनौतियों से पार नहीं पाया,

न लक्ष्य बना, न मंजिल मिली,

अपनी लम्बी उम्र गंवाया,

अब जब कर्मों की गति जानी।

लिखा अद्वितीय एक कहानी।।

May 16, 2025

सपनों की मंजिल

 सपनों की मंजिल


जिंदगी के सफर में

एक ही अभिलाषा।

सपनों की मंजिल मिले,

जीवन की यही आशा।।

चलता रहा राह में,

छाया था घोर अंधेरा।

लगा ख्वाहिशें थम जाएगी,

मंजिल नहीं मिल पायेगी।।

पुरुषार्थ की ढाल लेकर,

धैर्य भरा चाल लेकर।

विपदाओं का सामना कर,

चलता रहा लक्ष्य को बांध कर।।

आन्तरिक शक्ति लक्ष्य किया जाग्रत, 

अवरोधों को कराया पार। 

फिर वक्त ऐसा आया,

पग गति रुक न पाया।

छंटते गए अद्वितीय बाधाएं सभी,

मानो मंजिल हो सामने खड़ी।।