जीवन अनमोल,
हरसाती है बहलाती है।
प्रेम दया दिखाओ जग में,
इससे खुशहाली बढ़ती जाती है।।
इंद्रधनुष के सात रंग,
सबका मन हरसाती है।
बाल गोपाल की मीठी बोली,
सब को खूब लुभाती है।।
बड़े-बूढ़ों को सम्मान देना,
संस्कार यही सिखाता है।
माता पिता हैं देव समान
सनातन यही बताता है।।
अच्छाई का वृक्ष लगाओ,
सुख-चैन का फल पाओगे।
इस अद्भुत अद्वितीय दुनिया में
जीवन सार्थक कर पाओगे।
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