आज जब मैंने, आसमां से पूछा
आज जब मैंने, आसमां से पूछा,
सदियों से तुमने भारत को देखा है।
सदियों से तुमने भारत को देखा है।
आज बताओ.......
घर घर लहराते तिरंगों के बीच
हमारा प्यारा देश
तुम्हें कैसा दिखता है?
घर घर लहराते तिरंगों के बीच
हमारा प्यारा देश
तुम्हें कैसा दिखता है?
बात मेरी सुन कर
आसमां मुस्कुराता है
मेघों में से झांक कर
बादलों की ओट से निकल कर
बड़े जोर से कहता है.......
भारत माता की जय, भारत माता की जय।
आसमां मुस्कुराता है
मेघों में से झांक कर
बादलों की ओट से निकल कर
बड़े जोर से कहता है.......
भारत माता की जय, भारत माता की जय।
जवाब उसका सुनकर
प्रसन्नता से रोम रोम खिल जाता है
प्रसन्नता से रोम रोम खिल जाता है
खुशी के इसी क्षण में मैंने
आसमां से पिफर पूछा
अच्छा बताओ
घर घर लहराता तिरंगा
ऊपर से तुम्हें कैसा दिखता है?
आसमां से पिफर पूछा
अच्छा बताओ
घर घर लहराता तिरंगा
ऊपर से तुम्हें कैसा दिखता है?
जिज्ञासा भरे मेरे प्रश्न को सुनकर
वह कहता है.....
धरती की हरियाली, शांति का संदेश
प्रेरणा देता चक्र, गुरुओं का गेरुआ रंग
सर्वश्रेष्ठ, सर्वश्रेष्ठ
सर्वश्रेष्ठ है तुम्हारे तिरंगे में।
वह कहता है.....
धरती की हरियाली, शांति का संदेश
प्रेरणा देता चक्र, गुरुओं का गेरुआ रंग
सर्वश्रेष्ठ, सर्वश्रेष्ठ
सर्वश्रेष्ठ है तुम्हारे तिरंगे में।
आज जब मैंने, आसमां से पूछा,
हमारा प्यारा देश, तुम्हें कैसा दिखता है?
हमारा प्यारा देश, तुम्हें कैसा दिखता है?
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