रूंधे गले से बिटिया ने पूछा-
मम्मी, पापा घर से बाहर,
क्यों नहीं जाते हैं?
मेरे लिए ढेर सारी चीजें,
क्यों नहीं लाते हैं?
उसकी बात सुनकर,
बड़े प्यार से झुककर,
उसे गोद में उठाकर
बड़ी देर तक समझा कर
उसके पापा उसे
खिलौनों से खेलने छोड़ जाते हैं।
पर थोड़ी ही देर बाद,
खिलौनों से खेलते हुए
फिर वही बात वह दोहराती है-
मम्मी, पापा घर से बाहर कब जायेंगे,
मेरे लिए चीजें कब लायेंगे?
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