रंगों में सब डूबेंगे
सिर उठा कर देखो,
आसमां सुन्दर लगता है।
धरती की हरियाली देखो,
मन को कितना भाता है।।
रंग-बिरंगेे फूलों से,
प्रकृति लदा लदा सा है।
सरसों गेहूं के पौधे,
उसके वैभव सा है।।
धरती का सौंदर्य वसंत में,
हृदय को लुभाये।
आज इसकी बहार में,
हर कोई इतराये।।
आने वाली होली है
मन को यह बहकाये।
रंगों में सब डूबेंगे
मन खिल-खिल जाये।।
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