Mar 10, 2018

Hindi Poem प्रियतम का नेह निमंत्रण



Hindi Poem
प्रियतम का नेह निमंत्रण
पाकर प्रियतम का नेह निमंत्रण
खिली हृदय की कली, महका जीवन
नयनों में डोले
असंख्य सपने,
अंग अंग आज
कोई संवार दे,
केशों में पुष्पों की
लड़ियाँ पिरो कर,
नयनों में कोई
कजरा लगा दे,
हमारे माथे पे
बिंदिया सजा कर,
होंठो पर कोई
लाली लगा दे,
गले में बांहों का हार हो अर्पण....
पाकर प्रियतम का नेह निमंत्रण
खिली हृदय की कली, महका जीवन
हृदय की धड़कनें
अनियंत्रित होते हमारे,
धड़क धड़क कर कहते
वे हैं बड़े प्यारे,
बिना गुदगुदी के
हम मुस्कराए,
पैरों में पायल
मिलन की धुन बजाये,
अंग अंग में हो रहा है कंपन......
पाकर प्रियतम का नेह निमंत्रण
खिली हृदय की कली, महका जीवन
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