Hindi poem
"Mere Maan ki soch"
मेरे मन की सोच
मेरे दिल की चाहत
मेरी जान है तू,
मेरे मन की सोच,
मेरी अरमान है तू .....
.
बस तू ही तू ...........मेरी संसार है तू
तारों के बीच मेरी चांदनी,
मेरी रागिनी है तू
मेरे होठों की वाणी
मेरी मानिनी है तू ,
बस तू ही तू..........मेरी रानी है तू
तेरे बगैर इस जहाँ में
कुछ भी नहीं ,
युग युग तक चलती रहे
मेरी प्रेम कहानी है तू .
बस तू ही तू...........मेरी कहानी है तू
तेरे बिना दिल
कहीं लगता नहीं
मेरे प्रेम की पावन धारा
मेरी जाह्नवी है तू
बस तू ही तू ..............बस तू ही तू
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