Sep 18, 2017

मेरे मन की सोच - Hindi poem "Mere Maan ki soch"


Hindi poem
"Mere Maan ki soch"


मेरे मन की सोच

मेरे दिल की चाहत
मेरी जान है तू,
मेरे मन की सोच,
मेरी अरमान है तू  .....
.
बस तू ही तू ...........मेरी संसार है तू

तारों के बीच मेरी चांदनी,
मेरी रागिनी है तू
मेरे होठों की वाणी 
मेरी मानिनी है तू ,

बस तू ही तू..........मेरी रानी है तू 

तेरे बगैर इस जहाँ में 
कुछ भी नहीं ,
युग युग तक चलती रहे
मेरी प्रेम कहानी है तू .

बस तू ही तू...........मेरी कहानी है तू

तेरे बिना दिल 
कहीं लगता नहीं 
मेरे प्रेम की पावन धारा 
मेरी जाह्नवी है तू

बस तू ही तू ..............बस तू ही तू 


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