सौ वर्ष तक उन्नतिशील जीवन
सकारात्मक सोच और सफलता
आप जरा सी असफलता के कारण हार मानकर आलस्यपूर्ण जीवन न जिएं। घर में निष्क्रिय होकर न बैठे।
क्रियाशीलता, कुछ करने की लगन, कुछ सीखने का उत्साह, किसी को कुछ बांटने की उमंग हो तो वह व्यक्ति अपने आप में अलग ही होता है।
अगर मन में उत्साह बना रहे। सोच हमेशा आशावादी रहे तो व्यक्ति जीवन में आश्चर्यजनक कार्य कर सकता है।
अथर्ववेद में भी कहा गया है- ‘सौ वर्ष तक उन्नतिशील जीवन जिओ'।
निराशा जीवन बर्बाद कर देती है। निराशा से दूर रहने के लिए एक सुझाव यही है कि आप हमेशा अपने आपको सक्रिय और व्यस्त रखें। हमेशा आशावादी दृष्टिकोण रखें। जो हो चुका है, हो रहा है और भविष्य में जो होगा वह अच्छा होगा। इस बात पर विश्वास रखें कि ईश्वर जो कुछ करता है अच्छा ही करता है। सकारात्मक सोच ही लोगों को सफल बनाता है। जो भी आपका लक्ष्य हैे उसे पूरा करने में लगे रहें। सक्रिय व लक्ष्यपूर्ण जीवन ही मनुष्य को निराशा और असफलता से बचाती है। चिंता मुक्त रहें। किसी से अपेक्षा न करें। उपेक्षा पर ध्यान न दें।
जब तक जीवन में कुछ करने की चाह है,
भविष्य के लिए कोई संकल्प है,
कुछ नया करने का उत्साह है,
तभी जीवन में सफलता प्राप्त कर सकेंगे।
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