Motivational Poem in Hindi
धरती का आँचल बनी रंगोली है
Dharti ka aanchal bani rangoli hai
ऋतुराज वसंत आया
अंग-अंग हर्षाया
नई ऊर्जा, नये संकल्प की हमजोली है
देखो मौसम भी करती ठिठोली है।
ऋतु वसंत ने
नव उत्साह जगाया, कटुता को विसराया
मन में मस्ती, फिर नई नवेली है
देखो मौसम भी करती ठिठोली है॥
आओ वन्दनवार सजाएँ
टेसू से रंग बनायें
धरती का आँचल बनी रंगोली है
देखो मौसम भी करती ठिठोली है।
चलो नव परिवेश बनायें
गीत प्रेम के गायें
अब आने वाली उमंगों की टोली है
देखो मौसम भी करती ठिठोली है।।
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