Motivational Poem In Hindi
जीवन उसी से अपना है
jivan ushi se apna hai
प्रकृति अदभुत रचना है
जीवन उसी से अपना है।
जीवनदायिनी ही नहीं, जीना भी सिखाती है
जीने की सही राह भी बताती है॥
कल-कल करती नदियां बहती
सब की प्यास बुझाती है।
जंगल पर्वत पार कर
सागर से मिल जाती है।
सभी से प्यार करना सिखलाती
हर हाल में बढ़ते रहना, बतलाती है॥
प्रकृति अदभुत रचना है।
जीवन उसी से अपना है।।
बड़े जोर से चलती झरना
बड़े शोर से गिरती झरना
गिरकर भी रूकती नहीं
चलती रहती, डरती नहीं।
हमें यह सिखलाती झरना-
कभी अगर गिर जाओ तो, डरना नहीं
नम्र होकर आगे बढ़ना, कठोर बनना नहीं॥
प्रकृति अदभुत रचना है।
जीवन उसी से अपना है।।
अटल विश्वास के साथ खड़ा पर्वत
झेलता रहता कष्ट अनवरत
पर कभी नहीं कुछ कहता है
देखो वह कभी नहीं झुकता है ।
दृढ़ इरादा, संकल्प और साहस के साथ,
जीने की शिक्षा देता है
धैर्य रख कर कर्म करने की
बातें वह करता है॥
प्रकृति की हर बात निराली
नदियां, पर्वत, झरना, हरियाली।
यह जीने की कला सिखलाती है
जीवन भर हमें राह दिखलाती है॥
प्रकृति 'अद्वितीय ' रचना है।
जीवन उसी से अपना है।।
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