ज्ञान की मशाल लेकर
विश्व में प्रकाश भर दो !
रुको नहीं युवा साथी, बढ़ते चलो
जग में फैले अंधकार को
तुम दीपक बन कर
दूर कर दो
ज्ञान की मशाल लेकर
विश्व में प्रकाश भर दो !
मानवता की करुण पुकार सुन लो
नित बढ़ते चलो, बढ़ते चलो
विवेकानन्द सा ज्ञान लेकर
मानव में प्रेम की शक्ति भर दो
ज्ञान की मशाल लेकर
विश्व में प्रकाश भर दो !
दूर चाँद तारों तक, समुद्र की पाताल तक
नित, मानव विज्ञान की उपलब्धियाँ बटोर रहा
मानवीय प्रेम स्नेह नहीं
विज्ञान का प्रयोग बढ़ रहा
विज्ञान का प्रयोग बढ़ रहा
आह्वान है युवा साथी से, मानव में प्रेम भी भर दो
ज्ञान की मशाल लेकर
विश्व में प्रकाश भर दो !
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