Hindi Motivational Poem
जीत उतनी ही शानदार होगी
Jeet Utni Hi Shandaar Hoogi
शून्य से शिखर तक
कैसे,,,,,,,,,राह बनते हैं
लगन, श्रम और संघर्ष
कहाँ तक साथ देते हैं
असफलताओं और कठिनाइयों में
जब साहस नहीं छूटा
अपने आत्मविश्वास के बल पर
संघर्षों से जब जूझा
टूटा बहुत कुछ टूटा
पर संकल्प नहीं छूटा
रास्ते अनेक आये
मंजिल एक ही देखा
लक्ष्य को पाने के लिए
उत्कट चाह रखा
घबराया नहीं कभी
न ही श्रम से भागा
जीत उतनी ही शानदार हुई
संघर्ष था कठिन जितना
शून्य से शिखर तक
था लक्ष्य अपना।।
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