हिमालय सी ऊँची
चाहत है अपनी
Motivational Poem-In HindiHimalay si unchi chahat hai apni
हद से गुजरने की चाहत है
कदम अब रुकेगी न अपनी
आगे... और आगे बढ़ने की हिम्मत
कभी अब छूटेगी न अपनी
आती रहें बाधाएं
हिमालय सी ऊँची चाहत है अपनी
संकल्प की दीवारों से, उत्साह के बाड़ों से
दृढ़ता की चट्टानों से, लगन के खजानों से
आलस को भगाया हूँ
तनावों को फटकारा हूँ
उदासीनता -डिप्रेशन जो जम गया था
खुरच-खुरच कर उसे बहाया हूँ
आज फिर भुला हुआ मंजिल
पाने की कोशिश में
हिमालय सी ऊँची चाहत
बनाया हूँ ॥
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