Mar 8, 2016

आकाश के इस खेल में - Milan Ki Bela

Hindi Poem

Hindi Poem - Milan Ki Bela

ओ रश्मिरथी तुझे आज
चाँद के आगे रुकना पड़ेगा
तेरी किरणों को चाँद चुरायेगा
अदभुत कहलायेगा ।

अजब संयोग है
गजब योग है

चंचल पवन
जुल्फों को लहराएगा
खगोल के पहलू में
धरती-चाँद-सूरज एक हो जाएगा ॥

आकाश के इस खेल में
और भी साथी आएगा
कहीं धूप - कहीं छाया
हो जायेगा ।   

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