Hindi Poems-Lyrics - प्यार की तुम्हीं उठती लहर हो
जीवन की साधना मेंवह नेह तुम्हारा
भूल सकता हूँ कैसे
प्रेम तुम्हारा।
प्रेम प्यार
दिल में उतारी थी
वही बसी याद
तुम्हारी थी।।
हमारा साथ देखा जहां ने
और समर्पण तुम्हारा
यही बात रह गई जीवन में
यादो ने हमें संवारा ।
मन कोमल, तन सुन्दर
रूप में तुम तो अमर हो
इस हृदय में प्यार की
तुम्हीं उठती लहर हो ॥
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