जीवन क्या है
क्या है सपना
तू ही हो
केवल अपना
जीवन क्या है, क्या है सपना।
सुन्दर चेहरा
मोर की लाली
तुम से है
धरती की हरियाली
सरगम के
गीतों में आकर
हवाओं से
रोम रोम सहलाती
अपना अपना तू ही हो अपना
जीवन की है तू ही सपना
सारा गम खुद सह जाती
खुशियां मुझे दिलाती
हर पल यादो में आती
दिल के आँगन को महकाती
अपना - अपना बन जाती
सपना -सपना
तू ही हो अपना॥
क्या है सपना
तू ही हो
केवल अपना
जीवन क्या है, क्या है सपना।
सुन्दर चेहरा
मोर की लाली
तुम से है
धरती की हरियाली
सरगम के
गीतों में आकर
हवाओं से
रोम रोम सहलाती
अपना अपना तू ही हो अपना
जीवन की है तू ही सपना
सारा गम खुद सह जाती
खुशियां मुझे दिलाती
हर पल यादो में आती
दिल के आँगन को महकाती
अपना - अपना बन जाती
सपना -सपना
तू ही हो अपना॥
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