Apr 14, 2020

संकल्प को कमजोर न होने दें

गरीबी के कारण हमारी उन्नति के मार्ग बन्द नहीं होते  हैं। 
यदि हमारे अन्दर इच्छा शक्ति है तो मार्ग भी खुलेंगे। 
आवश्यकता तो केवल इस बात की है कि
हम अपने संकल्प को कमजोर न होने दें और
किसी भी बाधा का डटकर मुकाबला करने के लिए सदैव तैयार रहें।


जैसे बाबा साहब ने 
संकल्प लिया और सफलता प्राप्त की 

  • 1897 में वे बम्बई के एलपाइनस्टोन हाई स्कूल में प्रवेश किया। 
  • मैट्रिक पास करने के बाद एलपाइनस्टोन महाविद्यालय से अर्थशास्त्रा और राजनीतिक विज्ञान में डिग्री लिया। 
  • अमेरिका के कोलम्बिया विश्वविद्यालय में उन्होंने अर्थशास्त्रा में एम.ए. किया।
  • सामाजिक दर्शन, इतिहास आदि विषयों में भी एम.ए. किया। 
  • उन्होंने अर्थशास्त्रा में पी.एच.डी. भी कर ली। 
  • 1916 में लन्दन से उन्होंने वकालत भी पास कर ली।  

इतना ज्ञान का इतना संचय करने के बाद 
1917 में भारत आगमन हुआ। 

  • 1921 में एक और एम.ए. करने के लिए लन्दन पहुँच गये। 
  • 1923 तक उन्होंने चार विषयों में डाक्टरेट कर ली।
  • 1947 में देश के स्वतन्त्रा होने की प्रक्रिया से एक वर्ष पूर्व ही संविधान के निर्माण के लिए एक संविधान सभा गठित की गई थी। उन्हें संविधान सभा की ड्रॉफ्टिंग समिति का चेयरमैन बनाया गया। 
  • श्री भीमराव अम्बेडकर उस वक्त भारत के प्रथम कानून मंत्री थे। 
  • भारत की अर्थव्यवस्था के समुचित विकास के लिए बाबा साहब उद्योग और कृषि दोनों के समान विकास की बात करते थे। 
  • श्री अम्बेडकर के प्रयासों से ही भारत के वित्त आयोग की स्थापना 1951 में की गई थी। 
  • वर्ष 1990 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 

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