May 14, 2021

 

                       

                         संसार का 

                   सबसे प्यारा रिश्ता

संसार में मित्र बहुत ही प्यारा शब्द है, किसी भी अपरिचित, अनजान अजनबी को भी यदि आप ‘मित्र’ कहकर पुकारेंगेे तो वह यह सुनकर प्रसन्न हो जायेगा और ऐसा अनुभव करेगा जैसे वास्तव में ही आप उसके मित्र हैं। जैसे मां, बहन शब्दों में एक प्रकार का श्रुति स्नेह एवं माधुर्य का सूत्र जुड़ा है, वैसे ही ‘मित्र’ शब्द में है।

मित्रता आपसी विश्वास, प्रेम, सहयोग और संवेदनशीलता पर आधारित संसार का सबसे प्यारा रिश्ता है। यह आपसी स्नेह की मजबूत डोर से बंधी होती है, जो जात-पात, उंच-नीच और स्वार्थ के आडम्बरों से बहुत उंची होती है। 

मित्रता में अपनत्व की भावना होती है। जिसे हम विश्वास एवं स्नेह से सिंचित करते हैं। मित्र हमें निरंतर भलाई की ओर अग्रसर करता है, मित्र के दोषों को निःस्वार्थ भाव से दूर करता है, गुणों का विकास करता है, समय आने पर उसकी सहायता करता है। 

कह सकते हैं कि मित्रता जीवन के शेष सभी महत्त्वपूर्ण संबंधों का आधारभूत तत्त्व है। इससे संपर्क बनाने की प्रेरणा मिलती है, जिससे क्रियाशीलता बढ़ती है और आनन्द मिलता है। 

अच्छे स्वास्थ्य और अच्छे विचार के लिए अपने मित्रों से विचार विमर्श एवं सत्संग करना चाहिए, इससे मित्रता गहरी और दीर्घकालीन होती है।

जिनके अच्छे मित्र होते हैं और जो मित्रता में विश्वास रखते हैं- 

1. उनकी उम्र ज्यादा लम्बी होती है।

2. मित्रों की निकटता से स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। 

3. मित्रता का शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। 

4. विद्वानों ने मित्रता को स्वास्थ्य लाभ का झरना माना है।

मित्रता, सेहत के लिए बहुत अच्छी चीज है। यदि हमारे पास अच्छे मित्र हैं तो इस बात की संभावना अधिक है कि हम अनेक बीमारियों से काफी सीमा तक बचे रहेंगे। क्योंकि तनाव नियंत्रण प्रक्रिया में मित्रता पूर्णतः साथ देता है।

प्रत्येक पुरुष और महिलाओं को चाहिए कि वे मित्र और सहेलियां बनायें। ऐसे घनिष्ठ मित्र व सहेलियां, जिनसे अंतरंग बातें की जा सके। मित्र व सहेली बनाना और उनके संपर्क में रहना भावनात्मक और शारीरिक सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। अभी इस कोरोना महामारी में हम अपने मित्रों से नहीं मिल पाते हैं, परन्तु फोन, मोबाइल, इंटरनेट व संचार के किसी भी साधन द्वारा मित्र के संपर्क में रह सकते हैं। यह मान कर चलें कि स्वास्थ्य साधन, पौष्टिक भोजन और व्यायाम के साथ मित्रता भी आवश्यक है।

मित्र ही केवल ऐसा होता है जो हमारी समस्त विशेषताओं और कमियों को जानते हुए भी हम से प्रेम करता है तथा जीवन के विभिन्न मोड़ों पर अच्छे बुरे, सुख-दुख, सफलता-असफलता, उतार चढ़ाव सभी अवसरों पर साथ रहता है।

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