Apr 11, 2020

गर्व करे हर माँ-पिता Hindi Poem

--------अद्भुत शुभ प्रभात बनकर
--------बेटियाँ घर में आती हैं।
--------सूरज की किरणों सी उज्ज्वलता,
--------घर घर में फैलाती हैं ।।

--------बचपन बीते, उम्र बढ़े,
--------वसंत नये-नये आते हैं।
--------रौशन करती घर की बगिया,
--------दिन बीते जाते हैं।।

--------गर्व हो माँ-पिता को उस पर  ,
--------यही सोच, उसे आगे बढ़ाती है।
--------हर जिम्मेवारी को पूरा कर,
--------ऊँचे लक्ष्य को पाती है।।

--------जीवन में रंग भरकर,
--------अपनी पहचान बनाती बिटिया।
--------माँ-बाप की लाडली,
--------उनका अभिमान बन जाती है।।

--------अद्भुत शुभ प्रभात बनकर
--------बेटियाँ घर में आती हैं।
--------सूरज की किरणों सी उज्ज्वलता,
--------घर घर में फैलाती हैं ।।
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